Big Setback for Arvind Kejriwal: दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत पर लगाई रोक, 5 बड़े प्रभाव
दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal के लिए एक बड़ा झटका सामने आया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी जमानत पर रोक लगा दी है। यह फैसला प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका पर सुनवाई के दौरान लिया गया। आइए इस मामले की विस्तृत जानकारी लेते हैं।
Arvind Kejriwal – क्या है पूरा मामला?
- दिल्ली की शराब नीति में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में ED ने 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था।
- कल यानी 20 जून को एक निचली अदालत ने केजरीवाल को 1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी।
- लेकिन ED ने इस जमानत आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की।
- आज हाई कोर्ट ने ED की याचिका पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत के जमानत आदेश पर रोक लगा दी है।
हाई कोर्ट का फैसला
- जस्टिस सुधीर कुमार जैन और जस्टिस रविंदर दुदेजा की बेंच ने ED की याचिका पर तत्काल सुनवाई की।
- कोर्ट ने कहा कि जब तक वह इस याचिका पर सुनवाई नहीं कर लेती, तब तक निचली अदालत के आदेश पर अमल नहीं किया जाएगा।
- यानी Arvind Kejriwal को अभी जेल से रिहा नहीं किया जाएगा।
क्या थी निचली अदालत की शर्तें?
निचली अदालत ने Arvind Kejriwal को जमानत देते हुए कुछ शर्तें भी रखी थीं:
- वह जांच में बाधा नहीं डालेंगे
- गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे
- 1 लाख रुपये का निजी मुचलका भरना होगा
ED के आरोप
- ED का आरोप है कि शराब नीति बनाते समय Arvind Kejriwal ने शराब कारोबारियों से पैसे लिए।
- इस पैसे का इस्तेमाल AAP के गोवा चुनाव अभियान के लिए किया गया।
- ED के मुताबिक केजरीवाल AAP के संयोजक हैं, इसलिए उन्हें इस मामले में आरोपी बनाया गया है।
क्या है शराब नीति विवाद?
- 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति बनाई थी।
- लेकिन उपराज्यपाल ने इस पर आपत्ति जताई और जांच के आदेश दिए।
- बाद में यह नीति वापस ले ली गई।
- ED का आरोप है कि इस नीति के जरिए भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग की गई।
अरविंद केजरीवाल का पक्ष
- केजरीवाल का कहना है कि ED के पास उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है।
- उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है।
- AAP का आरोप है कि केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है।
आगे क्या?
- अब हाई कोर्ट ED की याचिका पर विस्तृत सुनवाई करेगा।
- इस दौरान केजरीवाल को तिहाड़ जेल में ही रहना होगा।
- AAP नेताओं ने कहा है कि वे कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे।
- BJP ने केजरीवाल से इस्तीफे की मांग दोहराई है।
अंत में,
यह मामला दिल्ली की राजनीति में भूचाल ला सकता है। एक तरफ अरविंद केजरीवाल अपने आप को निर्दोष साबित करने की कोशिश कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ ED उनके खिलाफ सबूत जुटाने में जुटी है। आने वाले दिनों में इस मामले पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत अंतत: क्या फैसला लेती है और इसका दिल्ली की राजनीति पर क्या असर पड़ता है।
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