दिल्ली के निवासियों के लिए एक नया चुनौती सामने आई है। बिजली के बिल में अचानक वृद्धि ने लोगों को चौंका दिया है। यह वृद्धि Power Purchase Adjustment Charge (PPAC) में बढ़ोतरी के कारण हुई है। आइए इस मुद्दे को विस्तार से समझें।
PPAC में बढ़ोतरी: क्या है और क्यों हुई?
PPAC एक ऐसा शुल्क है जो बिजली कंपनियों को बिजली खरीद की लागत में उतार-चढ़ाव से निपटने में मदद करता है। फरवरी 2024 से, दिल्ली की विभिन्न बिजली कंपनियों ने PPAC में 6% से 8.75% तक की बढ़ोतरी की है। इसका कारण कोयले और ईंधन की बढ़ती कीमतें हैं।
विभिन्न Discoms के लिए PPAC दरें
- BSES Rajdhani Power Limited (BRPL): 8.75% बढ़ोतरी, कुल PPAC 35.8%
- BSES Yamuna Power Limited (BYPL): 6.15% बढ़ोतरी, कुल PPAC 37.8%
- Tata Power Delhi Distribution Limited: 8.75% बढ़ोतरी, कुल PPAC 37.9%
- NDMC: 8.75% बढ़ोतरी, कुल PPAC 38.8%
बिजली बिल पर असर: एक उदाहरण
मान लीजिए कि आप 600 यूनिट बिजली का उपयोग करते हैं। अब आपका बिल इस प्रकार बढ़ेगा:
- BRPL क्षेत्र: ₹4,523 से बढ़कर ₹4,802
- BYPL क्षेत्र: ₹4,667 से बढ़कर ₹4,863
- Tata Power क्षेत्र: ₹4,588 से बढ़कर ₹4,867
- NDMC क्षेत्र: ₹4,616 से बढ़कर ₹4,895
सब्सिडी का लाभ लेने वालों पर असर नहीं
यह बढ़ोतरी उन उपभोक्ताओं को प्रभावित नहीं करेगी जो 200 यूनिट तक की सब्सिडी का लाभ ले रहे हैं। दिल्ली में लगभग 65 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से सर्दियों के दौरान (जनवरी से अप्रैल) लगभग 60% को बिजली के लिए भुगतान नहीं करना पड़ता है।
राजनीतिक विवाद: BJP vs AAP
इस मुद्दे पर BJP और AAP के बीच तीखी बहस छिड़ गई है:
BJP का आरोप:
- दिल्ली सरकार बिजली बिलों के माध्यम से लोगों को लूट रही है।
- बिजली कंपनियां PPAC के नाम पर भारी रकम वसूल रही हैं।
- सरकार ने समय पर बिजली खरीद की योजना नहीं बनाई।
- पिछले 10 वर्षों में बिजली कंपनियों का ऑडिट नहीं हुआ।
AAP का जवाब:
- BJP अफवाहें फैला रही है।
- BJP शासित राज्यों में बिजली की दरें सबसे अधिक हैं।
- दिल्ली में 24 घंटे बिजली सबसे कम दरों पर उपलब्ध है।
- DERC के आदेश के अनुसार, वर्तमान PPAC में कोई बदलाव नहीं होगा।
PPAC की आवश्यकता: सरकारी अधिकारियों का पक्ष
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि PPAC एक कानूनी अनिवार्यता है और इसकी प्रक्रिया पारदर्शी है। उनके अनुसार:
- PPAC में देरी से उपभोक्ताओं पर और अधिक बोझ पड़ सकता है।
- PPAC के बिना, बिजली कंपनियों को तरलता का संकट हो सकता है।
- बिजली उत्पादकों को भुगतान करने के लिए धन की कमी हो सकती है।
उपभोक्ताओं के लिए सुझाव
- अपने बिजली बिल की जांच करें और PPAC शुल्क पर ध्यान दें।
- ऊर्जा-कुशल उपकरणों का उपयोग करें।
- अनावश्यक बिजली उपयोग से बचें।
- सौर ऊर्जा जैसे वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर विचार करें।
टिप्पणी
दिल्ली में बिजली बिलों में वृद्धि एक जटिल मुद्दा है जिसमें कई कारक शामिल हैं। जहां सरकार और बिजली कंपनियां इसे आवश्यक बताती हैं, वहीं विपक्ष इसे जनता पर अतिरिक्त बोझ मानता है। उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना चाहिए और ऊर्जा संरक्षण के उपायों को अपनाना चाहिए। साथ ही, सरकार को पारदर्शी और उचित बिजली मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
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