Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana (PMGKAY) 2024: गरीबों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने हेतु एक महत्वपूर्ण कदम

Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana

Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana: भारत सरकार ने हाल ही में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत देश के लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों को आगामी पांच वर्षों के लिए (1 जनवरी 2024 से शुरू होकर) निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। यह योजना अंत्योदय अन्न योजना (AAY) परिवारों और प्राथमिकता वाले परिवार (PHH) लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार हर महीने प्रति AAY परिवार 35 किलोग्राम और PHH लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम का खाद्यान्न प्रदान करेगी।

Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana

आर्टिकल का नामPradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana
योजना का नामप्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
आर्टिकल का प्रकारसरकारी योजना
डिपार्टमेंटखाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (भारत सरकार)
लाभार्थीआर्थिक रूप से कमजोर परिवार ( गरीब एवं वंचित वर्ग )
आधिकारिक websiteयहा क्लिक करें
संपर्क (Helpline)टोल फ्री नंबर : 1967, ओएनओआरसी टोल फ्री नंबर : 14445
योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को निःशुल्क खाद्यान्न की प्राप्ति होगीलगभग 81.35 करोड़
समय अवधिआगामी पांच वर्षों के लिए
योजना की शुरुआतपहली बार COVID-19 महामारी के दौरान

Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana के मुख्य उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब एवं निर्धन वर्ग की खाद्यान्न तक पहुंच, वहनीयता और उपलब्धता सुनिश्चित करना है। साथ ही, यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) 2013 के प्रावधानों को और अधिक मजबूत करने एवं सभी राज्यों में एकरूपता लाने का भी प्रयास करती है। देश के AAY परिवारों, PHH लाभार्थियों और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए खाद्यान्न वितरण हेतु भारत सरकार द्वारा वार्षिक आधार पर लगभग 2.13 लाख करोड़ रुपये का खर्च वहन किया जा रहा है।

Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana के तहत खाद्य सब्सिडी

Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana (PMGKAY) के तहत केंद्र सरकार द्वारा आगामी पांच वर्षों में लगभग 11.8 लाख करोड़ रुपये की खाद्य सब्सिडी प्रदान की जाएगी। यह निर्णय गरीब और निर्धन वर्ग पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करने और उन्हें स्थिर कीमतों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana के तहत खाद्यान्न उपलब्धता

इससे पहले भी, भारत सरकार ने PMGKAY के तहत 1 जनवरी 2023 से एक वर्ष के लिए निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था। अब इस योजना को पांच वर्षों के लिए विस्तारित किया गया है, जो सरकार की गरीबों के प्रति दीर्घकालीन प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana सार्वजनिक खाद्य वितरण प्रक्रिया

PMGKAY के प्रभावी कार्यान्वयन और लाभार्थियों तक इसके व्यापक आउटरीच के लिए भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। विभाग ने समय-समय पर बैनर, होर्डिंग्स आदि के माध्यम से Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana (PMGKAY) के बारे में जागरूकता फैलाने के प्रयास किए हैं। इन क्रिएटिव्स को हिंदी और 10 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार किया गया है और उन्हें सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के विभिन्न स्थलों जैसे उचित मूल्य की दुकानें (FPS), गोदाम आदि पर प्रदर्शित किया जा रहा है।

साथ ही, विभाग ने अन्य केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों जैसे रेलवे मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, डाक विभाग और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से भी सहयोग प्राप्त किया है। इन मंत्रालयों ने PMGKAY के क्रिएटिव्स को अपनी सोशल मीडिया हैंडल्स पर साझा किया है, जिसके परिणामस्वरूप 5 मिलियन से अधिक इंप्रेशन और व्यूज़ प्राप्त हुए हैं।

Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana

इसके अलावा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 1000 ईंधन खुदरा दुकानों पर PMGKAY के बैनर और होर्डिंग्स लगाए हैं। रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने भी लगभग 1.08 लाख प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (PMKSK) की सूची साझा की है, जहां इस योजना के क्रिएटिव्स को प्रदर्शित करने की योजना है।

Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana खाद्य वितरण का प्रचार-प्रसार

Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana के लाभार्थियों तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए देश भर में लगभग 5.4 लाख उचित मूल्य की दुकानों (FPS) पर स्थापित किए जाने वाले टिन प्लेट्स पर PMGKAY से संबंधित जानकारी प्रदर्शित करने की भी योजना है। विभाग नियमित रूप से प्रेस विज्ञप्ति और सोशल मीडिया अपडेट्स के माध्यम से इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार भी करता रहता है।

Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana की शुरुआत

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) को पहली बार COVID-19 महामारी के दौरान शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे गरीबों और वंचित वर्गों को राहत प्रदान करना था। PMGKAY के तहत उपलब्ध कराया गया निःशुल्क खाद्यान्न नियमित PDS आवंटन के अतिरिक्त था। योजना के उस चरण में 28 महीनों की अवधि के लिए लगभग 1,015 लाख टन खाद्यान्न का वितरण किया गया, जिसमें अनुमानित लागत 3.42 लाख करोड़ रुपये थी।

PMGKAY का कार्यान्वयन सात चरणों में किया गया, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

चरणअवधिवितरित मात्रा (लाख मीट्रिक टन में)
1अप्रैल 2020 – जून 2020112.6
2जुलाई 2020 – नवंबर 2020186.2
3मई 2021 – जून 202175.2
4जुलाई 2021 – नवंबर 2021186.7
5दिसंबर 2021 – मार्च 2022149.0
6अप्रैल 2022 – सितंबर 2022217.0
7अक्टूबर 2022 – दिसंबर 202288.27
कुल (28 महीने)1,015.0

Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana के तहत सवाल जवाब

सवाल: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) क्या है?

जवाब: PMGKAY भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत देश के गरीब और वंचित वर्गों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। यह योजना उनकी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई थी।

सवाल: PMGKAY के हालिया विस्तार का क्या महत्व है?

जवाब: हाल ही में, भारत सरकार ने PMGKAY को आगामी पांच वर्षों (1 जनवरी 2024 से शुरू होकर) के लिए विस्तारित करने का निर्णय लिया है। इस विस्तार से लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों को लंबे समय तक निःशुल्क खाद्यान्न की सुविधा मिलती रहेगी, जो उनकी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

सवाल: PMGKAY के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?

जवाब: PMGKAY के प्रमुख उद्देश्यों में गरीबों की खाद्यान्न तक पहुंच, वहनीयता और उपलब्धता सुनिश्चित करना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) 2013 के प्रावधानों को मजबूत करना और सभी राज्यों में एकरूपता लाना शामिल हैं।

सवाल: PMGKAY के तहत भारत सरकार कितनी खाद्य सब्सिडी प्रदान करेगी?

जवाब: PMGKAY के हालिया विस्तार के तहत, भारत सरकार आगामी पांच वर्षों में लगभग 11.8 लाख करोड़ रुपये की खाद्य सब्सिडी प्रदान करेगी। यह सब्सिडी गरीबों और वंचितों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करने और उन्हें स्थिर खाद्यान्न कीमतों का लाभ देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

सवाल: PMGKAY पहली बार कब और किस उद्देश्य से शुरू की गई थी?

जवाब: PMGKAY को पहली बार COVID-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे गरीबों और वंचितों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस योजना के तहत उन्हें नियमित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के आवंटन के अतिरिक्त निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया।

सवाल: PMGKAY के कार्यान्वयन की सफलता का आकलन कैसे किया जा सकता है?

जवाब: PMGKAY के कार्यान्वयन को एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि इसके तहत प्रति माह 75 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को खाद्यान्न वितरित किया गया है। साथ ही, देश के 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में किए गए सर्वेक्षण में 98% लाभार्थियों ने योजना के तहत खाद्यान्न प्राप्त करने की पुष्टि की है, जो इसकी सफलता को रेखांकित करता है।

सारांश

इस योजना के कार्यान्वयन को एक बड़ी सफलता मानी जा सकती है। वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के दौरान PMGKAY के तहत प्रति माह 75 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को खाद्यान्न प्राप्त हुआ। वित्त वर्ष 2022-23 में भी समान वितरण पैटर्न देखने को मिला। देश के 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में एक मॉनिटरिंग संस्थान द्वारा किए गए सर्वेक्षण में शामिल 98% परिवारों ने योजना के तहत खाद्यान्न प्राप्त करने की पुष्टि की।

अब, इस योजना को आगामी पांच वर्षों के लिए विस्तारित कर दिया गया है, जो देश के गरीब और वंचित वर्गों को स्थायी खाद्य सुरक्षा प्रदान करने की सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह निर्णय निश्चित रूप से एक ऐतिहासिक और सराहनीय कदम है, जो देश की खाद्य सुरक्षा प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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