Pradhan mantri vishwakarma yojana 2024: देश के पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों के लिए एक नई किरण

Pradhan mantri vishwakarma yojana

Pradhan mantri vishwakarma yojana: भारत एक ऐसा देश है जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक कौशल के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। सदियों से हमारे देश के कुशल शिल्पकार और कारीगर अपने अद्भुत हस्तशिल्प और कलाकृतियों के माध्यम से भारतीय संस्कृति को समृद्ध कर रहे हैं। इन कारीगरों की प्रतिभा और कौशल को सम्मान देते हुए और उनके सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार ने हाल ही में एक अभूतपूर्व कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना’ (PM Vishwakarma Yojana) की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य देश के पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को बढ़ावा देना और उनकी आजीविका में सुधार लाना है।

Pradhan mantri vishwakarma yojana की मुख्य विशेषताएं

योजना का शुभारंभ विश्वकर्मा जयंती के पावन अवसर पर 17 सितंबर 2023 को किया गया। इस योजना को 5 वर्षों के लिए लागू किया जाएगा और इसके लिए सरकार द्वारा लगभग 13,000 से 15,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। योजना के तहत देश भर के लगभग 30 लाख पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को विभिन्न लाभ प्रदान किए जाएंगे। इनमें बुनकर, सुनार, लोहार, कुम्हार, मूर्तिकार, धोबी और नाई जैसे विभिन्न पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े लोग शामिल हैं।

Pradhan mantri vishwakarma yojana के मुख्य उद्देश्य

  • पारंपरिक शिल्प और कारीगरी को बढ़ावा देना और उनका संरक्षण करना
  • शिल्पकारों और कारीगरों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना
  • उनके उत्पादों की गुणवत्ता और मूल्य में वृद्धि करना
  • उन्हें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ना
  • पारंपरिक कौशल के हस्तांतरण को प्रोत्साहित करना और युवा पीढ़ी को इस क्षेत्र में आकर्षित करना

Pradhan mantri vishwakarma yojana के प्रमुख लाभ

  1. मान्यता और पहचान: सभी पंजीकृत शिल्पकारों और कारीगरों को ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा प्रमाण पत्र’ और ‘विश्वकर्मा पहचान पत्र’ प्रदान किया जाएगा। यह उनकी पहचान और कौशल को सम्मान देने का एक तरीका होगा।
  2. कौशल उन्नयन और प्रशिक्षण: योजना के तहत शिल्पकारों और कारीगरों को उनके कौशल को निखारने और नवीनतम तकनीकों व प्रथाओं से अवगत कराने के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इससे उनकी दक्षता और उत्पादकता में वृद्धि होगी।
  3. वित्तीय सहायता: योजना के माध्यम से शिल्पकारों और कारीगरों को उनके व्यवसाय को बढ़ाने के लिए सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। ऋण दो चरणों में दिया जाएगा – पहले चरण में 1 लाख रुपये और दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक का ऋण 5% की रियायती ब्याज दर पर मिलेगा।
  4. उपकरण और मशीनरी के लिए प्रोत्साहन: कारीगरों को अपने काम के लिए आवश्यक उपकरण और मशीनरी खरीदने हेतु 15,000 रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। इससे उनके उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार आएगा।
  5. विपणन और प्रदर्शनी में सहायता: सरकार शिल्पकारों और कारीगरों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए विभिन्न मंचों पर भागीदारी करने में मदद करेगी। इससे उन्हें अपने उत्पादों के लिए बेहतर बाजार और ग्राहक मिलेंगे।
  6. डिजिटल प्लेटफार्मों पर प्रोत्साहन: शिल्पकारों को ई-कॉमर्स और डिजिटल प्लेटफार्मों पर अपने उत्पादों को बेचने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। डिजिटल लेनदेन को अपनाने पर उन्हें विशेष प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।

Pradhan mantri vishwakarma yojana पात्रता और आवेदन प्रक्रिया

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में शामिल होने के लिए शिल्पकारों और कारीगरों को कुछ मानदंडों को पूरा करना होगा। आवेदक को भारत का नागरिक होना चाहिए और आवेदन के समय उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। साथ ही उसे संबंधित पारंपरिक शिल्प या व्यवसाय में संलग्न होना आवश्यक है। PM Vishwakarma Scheme का लाभ परिवार के केवल एक सदस्य को ही मिलेगा।

योजना में आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। इच्छुक शिल्पकार और कारीगर विश्वकर्मा योजना के आधिकारिक पोर्टल पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण के लिए उन्हें अपना आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक खाता विवरण देना होगा। इसके अलावा उन्हें अपने पारंपरिक कौशल या व्यापार से संबंधित दस्तावेज भी प्रस्तुत करने होंगे। पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें एक विशिष्ट पहचान संख्या और प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।

Pradhan mantri vishwakarma yojana एक कदम स्वावलंबन की ओर

Pradhan mantri vishwakarma yojana
Pradhan mantri vishwakarma yojana

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना हमारे पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों के लिए एक वरदान साबित होगी। यह न केवल उनकी प्रतिभा और कौशल को सम्मान देगी बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी मदद करेगी। PM Vishwakarma Yojana योजना के माध्यम से उनके उत्पादों की गुणवत्ता और मूल्य में वृद्धि होगी और उन्हें बेहतर बाजार अवसर मिलेंगे। साथ ही यह योजना हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक कलाओं के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

सरकार का यह प्रयास देश के लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाएगा। यह उनके सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि Pradhan mantri vishwakarma yojana के सफल क्रियान्वयन से हमारे देश के पारंपरिक शिल्प और कारीगरी क्षेत्र को एक नई ऊर्जा और गति मिलेगी और यह भारत की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान देगा।

Pradhan mantri vishwakarma yojana सारांश

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना देश के पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों के कल्याण और उत्थान के लिए एक सराहनीय पहल है। यह उनके कौशल और प्रतिभा को सम्मान देने के साथ-साथ उनके सशक्तिकरण और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी। Pradhan mantri vishwakarma yojana का सफल क्रियान्वयन न केवल उनके जीवन स्तर में सुधार लाएगा बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन में भी योगदान देगा। आइए, हम सब मिलकर इस महत्वपूर्ण Pradhan Mantri Vishwakarma scheme को सफल बनाने और देश के कारीगरों और शिल्पकारों के उज्जवल भविष्य के लिए प्रयास करें।

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