eShram Card: धारकों को 2 महीने में मिलेगा राशन कार्ड, सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

eShram Card: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत लगभग 8 करोड़ मजदूरों को अगले 2 महीनों के भीतर राशन कार्ड जारी करें। यह निर्णय उन लाखों असंगठित और अर्ध-संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, जिन्होंने ई-श्रम कार्ड का पंजीकरण तो करवा लिया था परन्तु राशन कार्ड के अभाव में वे कई सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे थे।

eShram Card धारकों को 2 महीने में मिलेगा राशन कार्ड, सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
eShram Card धारकों को 2 महीने में मिलेगा राशन कार्ड, सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

eShram पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों की वर्तमान स्थिति

भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा वर्ष 2021 में शुरू किए गए ई-श्रम पोर्टल का मुख्य उद्देश्य देश भर के असंगठित क्षेत्र के कामगारों का एक विस्तृत डेटाबेस तैयार करना और उन्हें विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ना है। इस पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले प्रत्येक श्रमिक को 12 अंकों की एक विशिष्ट पहचान संख्या वाला ई-श्रम कार्ड प्रदान किया जाता है। नीचे दी गई तालिका ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत कामगारों और उनके राशन कार्ड की वर्तमान स्थिति को दर्शाती है:

विवरण संख्या (करोड़ में)प्रतिशत %
ई-श्रम पोर्टल पर कुल पंजीकृत श्रमिक28.60100%
पंजीकृत श्रमिक जिनके पास पहले से राशन कार्ड उपलब्ध है20.6072%
पंजीकृत श्रमिक जिन्हें अभी राशन कार्ड नहीं मिला है8.0028%

जैसा कि उपरोक्त आंकड़ों से स्पष्ट है, eShram पोर्टल पर पंजीकृत लगभग 28% मजदूरों के पास अभी तक राशन कार्ड नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार यह एक गंभीर समस्या है क्योंकि राशन कार्ड न केवल सस्ते खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करता है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, पेंशन आदि से जुड़ी अन्य कई कल्याणकारी योजनाओं तक पहुंच प्रदान करने में भी मददगार होता है। खासकर इन असंगठित कामगारों के लिए जो समाज के सबसे निचले स्तर पर हैं और लगातार आर्थिक अनिश्चितताओं का सामना करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकारों को दिए गए निर्देश

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकारों को कड़े निर्देश दिए हैं कि वे संबंधित विभागों में समन्वय स्थापित करके ई-श्रम पोर्टल का डेटा प्राप्त करें और पात्र लाभार्थियों को शीघ्र राशन कार्ड वितरित करने की प्रक्रिया शुरू करें। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस काम को प्राथमिकता देते हुए अधिकतम 2 महीने की समय सीमा में पूरा किया जाना चाहिए।

राज्य सरकारों द्वारा उठाए जाने वाले कदम

  • श्रम विभाग और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के बीच समन्वय स्थापित करना
  • ई-श्रम पोर्टल से पात्र लाभार्थियों का डेटा प्राप्त करना
  • विशेष शिविरों का आयोजन कर आधार कार्ड, पते के प्रमाण आदि दस्तावेज़ एकत्र करना
  • राशन कार्ड के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाना और जागरूकता अभियान चलाना
  • लक्ष्य को निर्धारित समयसीमा में पूरा करने के लिए पर्याप्त मानव संसाधन लगाना

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि राशन कार्ड बनाने की प्रगति की नियमित निगरानी की जाए और समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। साथ ही उन श्रमिकों का भी ब्यौरा दिया जाए जिनका डेटा eShram पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है ताकि उन्हें भी योजना का लाभ मिल सके।

इस फ़ैसले का असंगठित क्षेत्र के मजदूरों पर दूरगामी प्रभाव

सर्वोच्च न्यायालय का यह अहम फैसला करोड़ों असंगठित कामगारों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाएगा। राशन कार्ड के माध्यम से उन्हें न सिर्फ सस्ता और पौष्टिक भोजन उपलब्ध होगा, बल्कि सरकार की अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़ने में भी आसानी होगी। इससे उनका जीवन स्तर सुधरेगा और गरीबी एवं कुपोषण से मुक्ति मिलेगी।

दूसरी ओर इस कदम से eShram पोर्टल की उपयोगिता और प्रभावशीलता भी बढ़ेगी। एक मजबूत और व्यापक डेटाबेस के निर्माण से श्रम बाजार से जुड़ी नीतियों को बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया जा सकेगा और कामगारों को शोषण से बचाने के भी प्रयास तेज होंगे। मजदूर संगठनों ने भी इस निर्णय का स्वागत किया है।

eShram Card सबका साथ-सबका विकास के लक्ष्य की दिशा में एक मजबूत कदम

जब देश आत्मनिर्भर भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा है तो सबसे निचले स्तर पर मौजूद इन असंगठित मजदूरों की अनदेखी नहीं की जा सकती। भारतीय अर्थव्यवस्था में इनके योगदान को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘श्रमेव जयते’ के मूल मंत्र को आगे बढ़ाने की बात कही है।

यह कहना गलत नहीं होगा कि समावेशी और संतुलित विकास के लिए सबका साथ-सबका विकास के नारे को सही मायने में साकार करने की बेहद जरूरत है। इस दिशा में सरकार द्वारा eShram पोर्टल जैसे कदम स्वागत योग्य हैं, और अब मजदूरों को राशन कार्ड सुनिश्चित करने से इस नारे को और अधिक बल मिलेगा। यह न केवल श्रमिकों को मजबूती प्रदान करेगा बल्कि संपूर्ण राष्ट्र को भी एक नई ताकत देगा।

हालांकि इन लक्ष्यों को वास्तव में प्राप्त करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को निरंतर और समन्वित प्रयासों की जरूरत होगी। प्रणालीगत चुनौतियों, भ्रष्टाचार, लालफीताशाही आदि से निपटना होगा। साथ ही कामगार संगठनों, एनजीओ और अन्य पक्षकारों को भी इस दिशा में सक्रिय भूमिका अदा करनी होगी। तभी हम एक ऐसे भारत का निर्माण कर पाएंगे जिसमें हर व्यक्ति को श्रम का उचित सम्मान और बुनियादी अधिकार प्राप्त हो सकें। सुप्रीम कोर्ट का यह महत्वपूर्ण निर्णय इसी दिशा में एक सार्थक कदम है।

यह भी पढ़ें: भारतीय कृषि में एक नई क्रांति का सूत्रपात, ई-किसान उपज निधि योजना

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now
Google News Follow
YouTube Channel Subscribe
Share this post via:

Leave a Comment